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Thursday 25 September 2014

इंटरनेटीय प्रेम डॉट कॉम

















वे फेसबुक पर मिले थे
कुछ दिन हाय- हलो के बाद चैटरूम में
प्रेमिल- प्रेमिल हुए
उन्होंने एक दुसरे को जल्दी ही यह बात
समझा दी क़ि सम्भोग से ही समाधि तक पहुंचा जा सकता है।
उन्होंने संबंधों की बात की
लेकिन शादी को पचड़ा ही मानते रहे प्रेमीजन
वाट्सएप पर वे खुले इतने खुले इतने खुले इतने खुले
क़ि एक दिन उन्हें एक- दुसरे से
डर लगने लगा...एक उब उनके बीच जगह
बनाने लगी...
उन्हें लगा क़ि कोई उनके निजी जीवन में
ताक़- झाँक कर रहा है
उन्होंने एक दिन बिना माफ़ी मांगे एक- दुसरे को
अन्फ्रेंड कर दिया
अब दोनों बेहद खुश थे और शांत भी...

इंटरनेट पर प्रेम का जीवन छोटा है
सर्वर डाउन होते ही प्रेम मर जाता है...
ज़रूरी हो जाती है
एक और फ्रेंड रिक्युस्ट।

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