मेरे इस ब्लॉग को आप मेरे कविता संग्रह के रूप में देखिये | मैं चाहता हूँ कि यदि कोई मेरी कविताएँ पढना चाहे तो उसे मेरी अधिकतर कविताएँ एक ही स्थान पर पढने को मिल जाएँ | आज के दौर में जब कि जल्दी-जल्दी कविता संग्रह का प्रकाशन संभव नहीं है, एक ऐसे प्रयास के ज़रिये अपने पाठकों तक पहुँचने की ये मेरी विनम्र कोशिश है | आप कविताओं के सदर्भ में अपनी प्रतिक्रिया से मुझे अवश्य अवगत कराएँगे | मुझे प्रतीक्षा रहेगी | कविताओं के साथ प्रयुक्त सभी पेंटिंग्स अजामिल की हैं |
Thursday 25 September 2014
बस कर डालो !
सोचो मत,बस कर डालो
मै भी तो
देखूं तुम्हारे मन के आंगन में कोई फूल
कैसे खिलता है...
ख़ामोशी के
समुन्दर में मन की कश्ती
पर सवार होकर हम कहीं भी
जा सकते हैं... बस तुम हाथ
मत छोड़ना प्रिय...
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