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Friday 24 October 2014

रिश्ते


















इस सच के साथ कि
रिश्ते परिंदों की तरह होते हैं-
उड़ान भरते हैं भरोसे के
खुले आकाश में

सुकोमल तितलियों की तरह
प्रेम पराग के दीवाने रिश्ते
मंडराते हैं एक फूल से दूसरे फूल के
आलिंगन के लिए

जल की तरह मर्मस्पर्शी
आकार खोजते आयतन हैं रिश्ते

हवा की तरह पारदर्शी होते हैं रिश्ते
हथेलियों की गर्माहट में
अंकुरित होते है रिश्ते
पल भर में कहा-अनकहा
कह देता है जैसे कोई
आँखों से आँखों में उतर जाते हैं
बस देखते-देखते.

रिश्ते उंगली पकड़ लेते हैं
तो सुरक्षित हो जाते हैं
बच्चो की तरह

प्यार से सींचे जाने पर
बीज़ से वृक्ष बन जाते हैं रिश्ते,
कब ? ये पता ही नहीं चलता

रिश्ते चूजों की तरह हैं
इन्हें हौले से पकड़ना
न छोड़ना, न दबाना
चाकू की धार से तो बहुत दूर रखना
रिश्तों को

कोई कितना भी करीब क्यों न हो
ब्रीदिंग स्पेस चाहिए हर रिश्ते को
अकाल मौत से बचाने के लिए.

अहंकार
काली आंधी -
एक ऐसा बवंडर
जो हर पल तोड़ता है .
भीतर का पवित्र मौन,


मन का मखमली कौशल ,

संवादों की समाधि पर
दुष्ट आत्माओं का नंगा नाच ,

पीछे से वार करने वाला
प्रेम का दुश्मन
झूठों का सरताज ,

बरगलाने वाली अंतहीन यात्रा ,
एक साजिश
खुद को खो देने की ,

ज़बान लड़ाने वाला बिगड़ा बच्चा,
खुशबू के बीच असहनीय दुर्गन्ध,

समुद्री तूफान में किनारा
खोजता जहाज़

एक धक्का जो गिरा देता है
सपनों का महल,

कंप्यूटर में छिप कर बैठा वाइरस

सार्थक फाइलों के विरुद्ध-
सॉफ्टवेयर के लिए खतरा

जीवन के इस महाभारत में
इस जानवर से बचने की
प्रार्थना करो पार्थ

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